दिमाग की नसों को ताकत देती ये 6 जड़ी-बूटियां, याददाश्त और फोकस दोनों में दिखेगा असर

By RTM Hindi News

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आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में मानसिक थकान और एकाग्रता की कमी आम बात हो गई है। लेकिन कुछ देसी जड़ी-बूटियां ऐसी हैं जो दिमाग को गहराई से ताकत देती हैं। ये हर्ब्स न केवल याददाश्त को सुधारती हैं, बल्कि ब्रेन फंक्शन को एक्टिव बनाकर फोकस भी बढ़ाती हैं। हल्दी, ब्राह्मी, अश्वगंधा, तुलसी जैसी औषधियां दिमाग को नयी ऊर्जा देती हैं और अल्जाइमर जैसी समस्याओं से दूर रखती हैं। इन्हें आप चाय, काढ़े या सप्लीमेंट के रूप में अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। रिसर्च के मुताबिक, ये हर्ब्स न्यूरोडीजेनेरेटिव डिसऑर्डर को रोकने में भी मददगार हैं। हालांकि, इनका सेवन शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। आइए जानें वो 6 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां जो आपकी मेंटल हेल्थ को नयी रौशनी दे सकती हैं।

हल्दी से याददाश्त बनती है मजबूत

हल्दी में करक्यूमिन (Curcumin) नाम का शक्तिशाली कंपाउंड होता है, जो दिमागी कोशिकाओं को फ्री रेडिकल डैमेज से बचाता है। यह ब्रेन में न्यूरॉन्स के कम्युनिकेशन को बेहतर बनाता है और भूलने की आदत में सुधार करता है। हल्दी वाला दूध या हल्दी की चाय रोज़ पीने से आपकी मेमोरी पावर में लंबी अवधि तक सुधार हो सकता है।

ब्राह्मी बढ़ाए फोकस और घटाए तनाव

ब्राह्मी को सदियों से ब्रेन टॉनिक के रूप में जाना जाता है। इसमें मौजूद बैकोसाइड्स (Bacosides) नर्व सेल्स को पोषण देते हैं, जिससे स्ट्रेस कम होता है और दिमाग शांत रहता है। अगर आप किसी एक टॉपिक पर फोकस नहीं कर पाते, तो ब्राह्मी आपकी मेंटल क्लैरिटी को सुधार सकती है।

दालचीनी करे दिमाग को एक्टिव

दालचीनी में मौजूद कंपाउंड्स प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स में ब्लड फ्लो को सुधारते हैं, जिससे सोचने-समझने की शक्ति तेज़ होती है। यह न केवल दिमाग के लिए फायदेमंद है, बल्कि इंसुलिन सेंसिटिविटी और कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में भी मदद करता है। दालचीनी को चाय या पानी में उबालकर पीना असरदार होता है।

तुलसी से मिले मानसिक शांति और ऊर्जा

तुलसी सिर्फ एक धार्मिक पौधा नहीं, बल्कि मेंटल हेल्थ के लिए एक नैचुरल बूस्टर है। इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स तनाव कम करते हैं और ब्रेन को रिलैक्स करते हैं। सुबह-सुबह तुलसी की चाय या 4–5 पत्तों का सेवन आपके माइंड को दिनभर तरोताजा रख सकता है।

अश्वगंधा बढ़ाए दिमाग की ताकत

अश्वगंधा को आयुर्वेद में रसायन माना गया है। यह ब्रेन में कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) को कम करता है और न्यूरॉन्स को सुरक्षा देता है। स्टडीज में पाया गया है कि अश्वगंधा का नियमित सेवन एकाग्रता, स्मरण शक्ति और मानसिक संतुलन तीनों में सुधार लाता है।

रोज़मैरी से बढ़ेगी याददाश्त की शक्ति

रोज़मैरी की सुगंध ही दिमाग को एक्टिवेट कर देती है। इसमें पाया जाने वाला कार्नोसिक एसिड (Carnosic Acid) ब्रेन की कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाता है। आप रोज़मैरी को चाय में मिलाकर या खाने में हर्ब की तरह इस्तेमाल करके फोकस बेहतर बना सकते हैं।

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