जून के महीने में धान की नाटी मंसूरी किस्म की खेती किसानों के लिए बेहद लाभकारी साबित हो रही है। यह किस्म जल्दी पकती है और बंपर उपज देती है, जिससे एक हेक्टेयर में 60 से 70 क्विंटल तक धान का उत्पादन संभव है। नाटी मंसूरी का चावल स्वादिष्ट और मार्केट में मांग में रहता है, जो किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद करता है। इसकी खेती के लिए चिकनी मिट्टी और सही जल निकासी आवश्यक है। साथ ही, खेत की गहरी जुताई और गोबर की खाद डालना भी फसल की गुणवत्ता के लिए जरूरी है। इस लेख में जानिए, जून में इस किस्म की धान की खेती कैसे करें और कैसे इसे अपनाकर आप अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।
कैसे करें जून में धान की नाटी मंसूरी किस्म की खेती?

धान की नाटी मंसूरी किस्म को जून के महीने में बोना सबसे सही माना जाता है क्योंकि यह फसल जल्दी पकती है और अधिक उत्पादन देती है। इसके चावल स्वादिष्ट होते हैं, जिससे बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है।
मिट्टी और खेत की तैयारी
इस किस्म की खेती के लिए चिकनी या चिकनी दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है। खेत की अच्छी जल निकासी सुनिश्चित करें ताकि फसल को जलभराव से नुकसान न हो। खेत की गहरी जुताई करके उसमें अच्छी मात्रा में गोबर की खाद मिलाएं जिससे मिट्टी की उर्वरता बनी रहे।
बुवाई और फसल की देखभाल
धान की नाटी मंसूरी की बुवाई जून में करें। बीज की गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए। फसल की देखभाल में पानी की सही मात्रा देना, कीट और रोगों से बचाव करना जरूरी है। इस फसल को करीब 150-160 दिन में पकने में समय लगता है।
बंपर उपज और मुनाफा
एक हेक्टेयर क्षेत्र में नाटी मंसूरी किस्म से 60 से 70 क्विंटल तक धान की उपज प्राप्त हो सकती है। इस पैदावार के चलते किसान आसानी से लाखों रुपये कमा सकते हैं। इसकी गुणवत्ता और बाजार में मांग इसे फायदेमंद बनाती है।
खेती का राज और ज्यादा जानकारी
धान की इस किस्म की खेती में सही समय पर बुवाई, मिट्टी की तैयारी और उचित देखभाल से ही सफलता मिलती है। अधिक जानकारी और खेती से जुड़े टिप्स के लिए आप हमारी खेती किसानी पर विजिट करें।