आजकल लोग हेल्दी खाने की तरफ ज्यादा ध्यान देने लगे हैं, लेकिन रोज़मर्रा की भागदौड़ में ताज़ी सब्ज़ियाँ लाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में अगर आप घर पर ही बिना ज़्यादा मेहनत के हरी-भरी मेथी उगाना सीख जाएं, तो आपकी सेहत और स्वाद दोनों का अच्छे से ख्याल रखा जा सकता है। गमले में उगाई गई मेथी न सिर्फ ताज़ा होती है, बल्कि इसमें किसी तरह का कैमिकल या मिलावट भी नहीं होता।
गमले और मिट्टी का सही चुनाव बहुत ज़रूरी है

मेथी उगाने के लिए 8-10 इंच गहरा गमला बहुत अच्छा रहता है। मिट्टी में 60% गार्डन सॉयल, 30% कंपोस्ट और 10% रेत मिलाएं। यह मिश्रण जड़ों को सही पोषण और पानी की सही निकासी देता है। प्लास्टिक, मिट्टी या सिरेमिक किसी भी तरह का गमला चल सकता है, बस नीचे छेद ज़रूर होना चाहिए ताकि एक्स्ट्रा पानी बाहर निकल सके।
बीजों की बुवाई कब और कैसे करें?
सबसे पहले मेथी के बीजों को रातभर पानी में भिगो दें ताकि वे जल्दी अंकुरित हो सकें। फिर गमले की मिट्टी को हल्का गीला करें और उसमें 1-2 सेमी की गहराई में बीज छिड़कें। ऊपर से हल्की मिट्टी डाल दें और रोज़ हल्का पानी दें। अक्टूबर से फरवरी का मौसम इस काम के लिए सबसे बेहतरीन होता है।
धूप और पानी की सही मात्रा बहुत ज़रूरी है
मेथी को रोजाना 4-5 घंटे की धूप चाहिए होती है। इसलिए गमले को बालकनी, खिड़की या छत पर रखें। मिट्टी जब सूखी लगे तब ही पानी दें, वरना जड़ें सड़ सकती हैं। हर 7 दिन में एक बार वर्मी कम्पोस्ट डालना मेथी की ग्रोथ को और बेहतर बना देता है।
कटाई करें स्मार्ट तरीके से ताकि बार-बार उगती रहे
जब पौधे 3-4 इंच लंबे हो जाएं, यानी बोने के 20-25 दिन बाद, तब आप मेथी की पत्तियाँ काट सकते हैं। कटाई करते वक्त पौधे की जड़ों को नुकसान न पहुंचाएं — ऊपर से ही पत्तियाँ काटें ताकि नए पत्ते बार-बार निकलते रहें। एक बार बोई गई मेथी से आप 3-4 बार ताज़ी फसल पा सकते हैं।
रसोई में स्वाद और शरीर में ताकत लाएगी होमग्रोन मेथी
घर की उगी मेथी न सिर्फ स्वाद में भरपूर होती है, बल्कि इसमें भरपूर आयरन, कैल्शियम और फाइबर भी होता है। इसे आप पराठे, सब्ज़ी, दाल और यहां तक कि स्मूदी में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
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तो फिर देर किस बात की? आज ही अपने गार्डन या बालकनी में एक गमला सजाइए, बीज बोइए और घर पर उगाई गई हरी, फ्रेश मेथी से अपने खाने और हेल्थ दोनों को सुपर बनाइए!