बाराबंकी के किसान रामआधार ने अरबी की खेती से कम जमीन में भी बड़ा मुनाफा कमाने का रास्ता दिखाया है। अरबी की खेती में ना तो ज्यादा खर्चा होता है और ना ही जानवरों का खतरा रहता है। एक बीघा जमीन में 80 से 90 हजार रुपए की आमदनी इस फसल से संभव है। अरबी के पत्ते सब्जी और पकोड़े बनाने में उपयोगी होते हैं, जिससे बाजार में इसकी मांग बनी रहती है। कम सिंचाई और कम देखभाल से भी यह फसल सफल होती है, खासकर उन किसानों के लिए जो सीमित संसाधनों में खेती करते हैं। अगर आप भी कम मेहनत में ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो अरबी की खेती आपके लिए सही विकल्प हो सकती है।
अरबी खेती से कम जमीन में ज्यादा मुनाफा

अरबी की खेती से किसान कम जमीन में भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। बाराबंकी के रामआधार जी ने 1 बीघा जमीन पर लगभग 90 हजार रुपए तक की आमदनी की।
यह फसल कम पानी में उगती है और ज्यादा मेहनत की जरूरत नहीं होती। इसलिए छोटे और मध्यम किसान इसे आसानी से अपना सकते हैं।
जानवरों का खतरा नहीं, फसल सुरक्षित रहती है
अरबी की खासियत यह है कि इसे जंगली जानवर नहीं खाते। इससे किसानों को बार-बार फसल बचाने की चिंता नहीं रहती। यह फायदा आर्थिक नुकसान से बचाता है।
इस वजह से रामआधार जैसे किसान अरबी की खेती को बहुत पसंद करते हैं।
कम खर्च में ज्यादा लाभ की फसल
अरबी खेती में 1 बीघा की लागत करीब 15-18 हजार रुपए होती है, जबकि मुनाफा 80-90 हजार रुपए तक पहुंच जाता है।
इस फसल में सिंचाई कम लगती है, और देखभाल भी आसान होती है, जिससे खर्चा कम रहता है।
बाजार में अरबी की मांग बनी रहती है
अरबी के पत्ते सब्जी, साग और पकोड़े बनाने के लिए मांग में रहते हैं। इसके साथ इसकी जड़ें भी खाने में उपयोग होती हैं, जो किसानों के लिए अतिरिक्त आमदनी का जरिया है।
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सीमित पानी में भी सफल खेती
अरबी की खेती उन इलाकों के लिए भी सही है जहां पानी कम होता है। इसकी सिंचाई कम लगती है और फसल जल्दी बढ़ती है।
इसलिए, कम संसाधनों वाले किसान भी इस फसल से लाभ उठा सकते हैं।
















