खेती अब सिर्फ अनाज या फल तक सीमित नहीं रही। दक्षिण भारत में किसान केला के एक-एक पत्ते से ₹50 तक की कमाई कर रहे हैं। केले के पत्तों से बनने वाली प्लेट्स की मांग तेजी से बढ़ रही है, जो इको-फ्रेंडली होती हैं और पूजा, शादी, या पारंपरिक आयोजनों में इस्तेमाल की जाती हैं। एक पत्ते से 4 प्लेट्स बनाई जाती हैं और हर प्लेट ₹3-5 में बिकती है। खास बात यह है कि तमिलनाडु सरकार इस बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी भी दे रही है। यदि आप भी खेती से अलग एक मुनाफे वाला व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो केला के पत्ते से प्लेट बनाना एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यह न केवल कम लागत में शुरू होता है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी लाभदायक है।
केले के पत्ते से बन रही इको-फ्रेंडली प्लेट्स
South India में केले के पत्तों से बनने वाली प्लेट्स को बेहद पसंद किया जा रहा है। ये प्लेट्स 100% बायोडिग्रेडेबल होती हैं और मिट्टी में आसानी से घुल जाती हैं। इन्हें पूजा, शादी या धार्मिक आयोजन में खाने परोसने के लिए प्रयोग किया जाता है। लोग अब प्लास्टिक की बजाय इन्हीं प्लेट्स को चुन रहे हैं क्योंकि ये पर्यावरण के लिए सुरक्षित होती हैं।
एक पत्ता बेचकर किसान कमा रहे हैं ₹50 तक
एक केले के पत्ते से चार प्लेट बनाई जा सकती हैं। बाजार में इन प्लेट्स की कीमत ₹3 से ₹5 तक होती है। इसका मतलब है कि एक पत्ते की कुल वैल्यू ₹30 से ₹50 तक हो जाती है। कई किसान अब खासतौर पर पत्तों की खेती पर ध्यान दे रहे हैं क्योंकि यह कम मेहनत में अधिक मुनाफा देता है।
देशी किस्म के पत्तों की होती है ज़्यादा डिमांड

देशी किस्म के केले के पत्ते मजबूत और टिकाऊ होते हैं। ये जल्दी फटते नहीं और इनसे बनने वाली प्लेट्स अधिक समय तक टिकती हैं। यही कारण है कि इनकी मार्केट वैल्यू ज़्यादा होती है और ग्राहक इन्हें प्राथमिकता देते हैं। किसान इन्हीं देशी किस्मों को उगाकर बेहतर आमदनी ले रहे हैं।
सरकार दे रही सब्सिडी और तकनीकी मदद
तमिलनाडु सरकार किसानों को केला पत्ता व्यवसाय के लिए सब्सिडी दे रही है। इस योजना के तहत मशीनें खरीदने, प्रोसेसिंग यूनिट लगाने और मार्केटिंग में भी सहायता मिलती है। किसान यहाँ क्लिक करें पर जाकर तमिलनाडु सरकारी पोर्टल से आवेदन कर सकते हैं।
खेती के साथ चलने वाला मुनाफे वाला विकल्प
जो किसान पहले सिर्फ केले की फल की बिक्री से कमाई करते थे, अब वे पत्ते बेचकर भी अतिरिक्त आमदनी कमा रहे हैं। इस तरह का व्यवसाय खेती के साथ-साथ चलाया जा सकता है और इससे किसानों की मासिक आय में अच्छा इजाफा हो रहा है।














