किसानों के लिए मात्र ₹30 में कीड़ों से छुटकारा, प्लास्टिक की बोतल बनी खेत का रक्षक

By RTM Hindi News

Published On:

Follow Us

किसान भाईयों के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है – फसल को कीड़ों से बचाना। ये कीट इतने खतरनाक होते हैं कि कुछ ही दिनों में खेत को बर्बाद कर देते हैं। और जब बात आती है रासायनिक कीटनाशकों की, तो खर्चा, सेहत और मिट्टी तीनों पर असर पड़ता है। लेकिन अब एक ऐसा देसी जुगाड़ सामने आया है जो मात्र ₹30 में इस समस्या का हल दे रहा है। जी हां, प्लास्टिक की बोतल और एक छोटे से फेरोमोन लियोर की मदद से किसान भाई फसल को बचा सकते हैं, वो भी बिना किसी जहरीले स्प्रे के। न मिट्टी को नुकसान, न फसल को कोई दुष्प्रभाव। आइए जानते हैं इस सस्ते लेकिन असरदार जुगाड़ के बारे में

कीड़े फसल को कैसे करते हैं बर्बाद

Farming में कीट सबसे बड़े दुश्मन हैं। ये पत्ते चबा जाते हैं, फूल गिरा देते हैं और फल को खराब कर देते हैं। खासकर टमाटर, बैंगन, भिंडी जैसी फसलों में इनका कहर ज्यादा होता है। ये न केवल उत्पादन घटाते हैं, बल्कि फसल की गुणवत्ता को भी बिगाड़ देते हैं। समय रहते रोकथाम न हो तो किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।

प्लास्टिक की बोतल से बना देसी फेरोमोन ट्रैप

पुरानी प्लास्टिक की बोतल लीजिए, उसमें थोड़ा छेद कीजिए और अंदर लियोर यानी pheromone lure टांग दीजिए। इस लियोर से मादा कीट जैसी गंध निकलती है जो नर कीड़ों को आकर्षित करती है। कीट बोतल में घुसते हैं लेकिन बाहर नहीं निकल पाते। कुछ ही दिनों में ये ट्रैप खेत के सारे कीटों को खत्म कर देता है।

₹30–₹35 में बनेगा पूरा सेटअप

अगर यही pheromone trap आप बाजार से बॉक्स में खरीदते हैं तो कीमत ₹200 से ऊपर जाती है। लेकिन देसी तरीके से बोतल में लगाकर आप इसे ₹30–₹35 में तैयार कर सकते हैं। यानी खर्चा आधे से भी कम और असर 100%।

एक एकड़ में कितना खर्च आएगा

एक एकड़ खेत के लिए आपको लगभग 20–25 ट्रैप की जरूरत होगी। यानी कुल खर्च करीब ₹700 होगा, लेकिन उससे पूरी फसल की सुरक्षा सुनिश्चित हो जाती है। इसमें ना बार-बार छिड़काव की ज़रूरत है, ना किसी स्प्रे मशीन की।

बिना ज़हर के फसल की सुरक्षा

ये जुगाड़ पूरी तरह प्राकृतिक है। इसमें कोई रासायनिक तत्व नहीं होता जिससे अनाज की गुणवत्ता बनी रहती है। मिट्टी, पर्यावरण और किसान की सेहत – तीनों सुरक्षित रहते हैं।

✅ देसी खेती से जुड़े और भी ज़बरदस्त जुगाड़ जानने के लिए देखें: खेती किसानी

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Leave a Comment