ब्रोकली अब सिर्फ मॉल या सुपरमार्केट की चीज़ नहीं रही। अगर आपके पास एक छोटा सा गमला, थोड़ी सी धूप और थोड़ा सा प्यार है, तो आप अपने घर की छत या बालकनी में भी ताजी-ताजी ब्रोकली उगा सकते हैं।
ब्रोकली न सिर्फ स्वादिष्ट होती है, बल्कि ये आपकी इम्यूनिटी को बूस्ट करती है, पेट साफ रखती है और स्किन को भी ग्लोइंग बनाती है।
तो चलिए, आज हम जानेंगे कि घर पर ब्रोकली उगाने का देसी, आसान और असरदार तरीका क्या है—जिससे सेहत भी बनेगी और जेब भी बचेगी!
सही गमला और मिट्टी का करें चुनाव

ब्रोकली के लिए ऐसा गमला चुनें जो कम से कम 10-12 इंच गहरा हो और नीचे पानी निकालने का छेद जरूर हो। मिट्टी ऐसी होनी चाहिए जो पानी सोख सके और पोषक तत्वों से भरपूर हो।
इसके लिए 40% गार्डन मिट्टी, 30% गोबर खाद और 30% कोकोपीट मिलाकर एक बढ़िया मिक्स तैयार करें। इससे जड़ें मजबूत बनेंगी और पौधा तेजी से बढ़ेगा।
धूप और पानी का सही बैलेंस बनाए रखें
ब्रोकली को रोजाना कम से कम 5 से 6 घंटे की सीधी धूप चाहिए होती है। गमले को ऐसी जगह रखें जहां सूरज बिना रोक के चमके।
पानी तभी दें जब मिट्टी ऊपर से सूखी लगे। ज्यादा पानी देने से पौधा गल सकता है, इसलिए हफ्ते में 2 से 3 बार हल्का पानी देना ही काफी है।
बीज बोने और देखभाल का आसान तरीका
ब्रोकली के बीज आप Krishi Jagran या लोकल नर्सरी से खरीद सकते हैं। बीजों को आधा इंच मिट्टी में दबाएं और स्प्रे से हल्का पानी दें।
7 से 10 दिनों में अंकुर निकलने लगेंगे। इसके बाद हर 10 दिन में वर्मी कम्पोस्ट या जैविक खाद डालें। पौधे को समय-समय पर खरपतवार से भी बचाते रहें।
कीटों से बचाव के लिए अपनाएं देसी उपाय
ब्रोकली के पत्तों को कीड़े जैसे एफिड्स और कैटरपिलर नुकसान पहुंचा सकते हैं। इससे बचाव के लिए नीम तेल और पानी का घोल बनाकर हर हफ्ते स्प्रे करें।
यह देसी और सुरक्षित तरीका है जो पत्तियों को हरा-भरा और कीटमुक्त बनाए रखता है।
ब्रोकली की कटाई का सही समय और तरीका
लगभग 60 से 80 दिन बाद ब्रोकली की हेड तैयार हो जाती है। जब इसका रंग गहरा हरा हो और हेड कसाव में दिखे, तो चाकू से धीरे से काट लें।
कटाई हमेशा सुबह या शाम के समय करें जब मौसम ठंडा हो। कटाई के बाद दूसरी हेड्स भी निकल सकती हैं, जिससे आपका पौधा लंबे समय तक काम आएगा।