आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में ताजगी और हेल्दी खाना मिलना बहुत मुश्किल हो गया है। ऐसे में अगर आप घर की छत या बालकनी में ही कुछ उगाकर फ्रेशनेस और सेहत दोनों पा सकें, तो कैसा लगेगा? जी हां! अब सरसों जैसी देसी और हेल्दी हरी पत्तेदार सब्ज़ी आप अपने छोटे से गमले में भी उगा सकते हैं। सरसों ना सिर्फ स्वाद बढ़ाती है, बल्कि शरीर को ताकत भी देती है। इस पोस्ट में हम जानेंगे कैसे आप बिना किसी ज़मीन के, सिर्फ एक गमले में ताजी सरसों उगा सकते हैं और पाएंगे हेल्थ और स्वाद का जबरदस्त कॉम्बिनेशन। आइए शुरू करते हैं – बिल्कुल आसान और मजेदार तरीके से!
सही गमले का चुनाव कैसे करें?

सरसों के लिए गमला 10 से 12 इंच गहरा होना चाहिए ताकि जड़ें आराम से फैल सकें। मिट्टी या टेराकोटा के गमले बेहतर माने जाते हैं क्योंकि इनमें पानी का निकास (drainage) अच्छा होता है। अगर प्लास्टिक गमला यूज़ कर रहे हैं, तो नीचे छेद ज़रूर करें ताकि पानी जमा ना हो। इससे पौधे लंबे समय तक हेल्दी रहते हैं।
सरसों के बीज कैसे और कब बोएं?
बीज बोने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी के बीच होता है। आप ऑर्गेनिक सरसों के बीज किसी लोकल nursery या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से खरीद सकते हैं। बीजों को 6 घंटे तक भिगोने के बाद हल्की गीली मिट्टी में 1 सेंटीमीटर की गहराई पर बोएं और ऊपर से हल्की मिट्टी छिड़क दें। ज़्यादा बीज एक जगह न डालें, इससे पौधों को हवा नहीं मिलेगी।
मिट्टी और खाद का रखें सही संतुलन
सरसों की अच्छी ग्रोथ के लिए दोमट या रेतीली मिट्टी उपयुक्त होती है। इसमें गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट मिलाएं ताकि पौधे को सभी ज़रूरी पोषक तत्व मिल सकें। हर 10–15 दिन में लिक्विड खाद देना ग्रोथ को तेज़ करता है। मिट्टी को ज्यादा सख्त या पानी से भरा हुआ ना रखें।
पानी देने और धूप की जरूरत
सरसों को रोजाना हल्का पानी देना चाहिए, खासकर जब मिट्टी सूखी लगे। लेकिन ओवरवॉटरिंग से बचें। सुबह के समय पानी देना ज़्यादा फायदेमंद होता है। साथ ही, सरसों को रोजाना कम से कम 4 घंटे की सीधी धूप मिलनी चाहिए। धूप न मिलने पर पत्तियां पीली पड़ सकती हैं।
कटाई कब और कैसे करनी चाहिए?
सरसों की कटाई 25–30 दिनों में की जा सकती है जब पत्ते पूरी तरह हरे और नरम हों। कैंची की मदद से पत्ते धीरे-धीरे काटें, एक बार में पूरा पौधा न काटें। इससे वो फिर से नई पत्तियां देगा और आप दोबारा कटाई कर पाएंगे।
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निष्कर्ष:
सरसों उगाना मुश्किल नहीं है, बस थोड़ा सा समय और प्यार चाहिए। इस देसी पौधे को अपने घर की छत या बालकनी में जगह दें और कुछ ही हफ्तों में पाएं हरे, ताजे और पोषण से भरपूर पत्ते। यकीन मानिए, जब आप अपने हाथों से उगाई हुई सरसों की भाजी खाएंगे, तो उसका स्वाद हमेशा याद रहेगा।
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