गर्मी की छुट्टियों में बच्चों को सिखाएं ये 9 एक्टिविटीज जो जिंदगीभर उनके काम आएंगी

By RTM Hindi News

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गर्मी की छुट्टियां: मस्ती के साथ सीखने का सुनहरा मौका गर्मी की छुट्टियां बच्चों के लिए सिर्फ फुर्सत का समय नहीं होतीं, बल्कि यह एक सुनहरा मौका होता है उन्हें नई चीजें सिखाने का। जब बच्चे स्कूल के रूटीन से फ्री होते हैं, तब उनका मन कुछ नया एक्सप्लोर करने के लिए सबसे ज्यादा तैयार रहता है। ऐसे में यदि माता-पिता चाहें, तो छुट्टियों को सिर्फ मस्ती नहीं बल्कि सीखने और आगे बढ़ने का जरिया बना सकते हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे ऐसी 7 दिलचस्प एक्टिविटीज के बारे में जो आपके बच्चे को आत्मनिर्भर, स्मार्ट और क्रिएटिव बना सकती हैं।

स्विमिंग: फिटनेस, मस्ती और आत्मविश्वास की डबल डोज

गर्मियों में स्विमिंग बच्चों के लिए सबसे बेहतरीन एक्टिविटी है। यह उन्हें न सिर्फ ठंडक देती है बल्कि फिटनेस भी बढ़ाती है। पानी में खेलते हुए बच्चा बिना बोर हुए एक्सरसाइज कर पाता है। स्विमिंग से स्टेमिना, बैलेंस और फोकस जैसे गुण भी विकसित होते हैं। अगर बच्चा अभी तैरना नहीं जानता, तो यह सही समय है सिखाने का – किसी नजदीकी स्विमिंग स्कूल में एडमिशन कराएं।

थिएटर: जब स्टेज बन जाए कॉन्फिडेंस की पाठशाला

थिएटर एक ऐसी कला है जो बच्चों के आत्मविश्वास को मजबूत बनाती है। नाटक करते हुए बच्चा नए किरदारों को जीना, सामने बोलना और टीम वर्क सीखता है। खासकर अगर बच्चा शर्मीला है, तो थिएटर उसे खुलने में मदद करता है। आजकल कई समर कैंप्स में थिएटर क्लासेस उपलब्ध हैं – ये बच्चों के व्यक्तित्व विकास के लिए बेमिसाल हैं।

म्यूजिक: धुनों के साथ बच्चों का इमोशनल विकास

संगीत सुनना या बजाना बच्चों को इमोशनली स्ट्रॉन्ग बनाता है। छुट्टियों में बच्चों को कोई इंस्ट्रूमेंट सिखाएं – जैसे कि गिटार, तबला, कीबोर्ड या बांसुरी। अगर गाने में रुचि हो तो वोकल क्लास भी बेस्ट ऑप्शन है। म्यूजिक से उनका फोकस, याददाश्त और क्रिएटिव थिंकिंग पावर भी बढ़ता है। यह न सिर्फ एक कला है, बल्कि जीवनभर साथ चलने वाली थैरेपी भी है।

कुकिंग: Independence और Creativity का स्वादिष्ट मेल

कुकिंग सिर्फ खाने तक सीमित नहीं है, यह बच्चों में आत्मनिर्भरता, अनुशासन और पोषण की समझ भी लाती है। बच्चों को आसान रेसिपीज़ जैसे सैंडविच, फ्रूट सलाद या शेक बनाना सिखाएं। किचन में छोटा रोल देकर उन्हें एंगेज करें – जैसे सब्जी धोना या सामग्री सजाना। इससे उन्हें मेहनत और समय की कीमत समझ आती है। और सबसे जरूरी – घरवालों की तारीफ सुनकर उनका आत्मविश्वास बढ़ता है।

बागवानी: प्रकृति के साथ बच्चों की दोस्ती

Plant a seed, watch it grow – यही सिखाती है बागवानी। बच्चों को मिट्टी से जोड़ना उन्हें पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाता है। छुट्टियों में उन्हें बीज बोने, पौधों को पानी देने और उनकी देखभाल करना सिखाएं। इससे उनमें जिम्मेदारी, धैर्य और मेहनत का मूल्य आता है। साथ ही यह एक टेंशन-फ्री, मेडिटेटिव एक्टिविटी भी है – जो बच्चे की मेंटल हेल्थ के लिए फायदेमंद होती है।

नई भाषा सीखना: बच्चों के कम्युनिकेशन को दें नई उड़ान

नई भाषा सीखने से बच्चे न सिर्फ स्मार्ट बनते हैं, बल्कि उनकी सोचने-समझने की क्षमता भी बढ़ती है। छुट्टियों में उन्हें फ्रेंच, जर्मन या कोई भारतीय भाषा जैसे मराठी, गुजराती सिखाना शुरू करें। आजकल Duolingo जैसे ऐप्स से ये बहुत आसान हो गया है। इससे उनका वोकैब बढ़ेगा, मेमोरी तेज होगी और भविष्य में करियर ऑप्शन्स भी खुलेंगे। यह एक फन एंड एजुकेशनल जर्नी हो सकती है।

डिजिटल स्किल्स: आज के बच्चों की कल की ज़रूरत

आज की दुनिया में टेक्नोलॉजी स्किल्स हर बच्चे के लिए जरूरी हैं। छुट्टियों में उन्हें बेसिक कंप्यूटर स्किल्स जैसे टाइपिंग, प्रेजेंटेशन बनाना या फोटो एडिटिंग सिखाएं। थोड़ा बड़ा बच्चा है तो कोडिंग या वीडियो एडिटिंग भी सिखा सकते हैं। इससे वे सिर्फ गेमिंग तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि क्रिएटिव और प्रोडक्टिव एक्टिविटीज़ की ओर बढ़ेंगे। अगर आप चाहें तो SmartLearningKids.in जैसी वेबसाइट से मदद ले सकते हैं जो बच्चों के लिए टेक्निकल कोर्सेज़ ऑफर करती है।

आर्ट एंड क्राफ्ट: बच्चों की कल्पनाओं को मिलें रंग और आकार

जब बच्चों को कुछ अपने हाथों से बनाने का मौका मिलता है, तो उनकी कल्पनाशक्ति खुलकर बाहर आती है। आर्ट एंड क्राफ्ट न सिर्फ उनकी क्रिएटिविटी को बढ़ाता है बल्कि उन्हें रंगों, बनावटों और आकारों की समझ भी देता है। बच्चों को पेपर क्राफ्ट, ओरिगामी, पेंटिंग, या रीसाइकल मटीरियल से कुछ बनाने के लिए प्रेरित करें। इससे उनका मोटर स्किल डेवलप होता है और वे ध्यान केंद्रित करना भी सीखते हैं। इसके अलावा, जब वो अपनी बनाई चीज़ किसी को गिफ्ट करते हैं, तो उसमें एक खास इमोशनल कनेक्शन भी होता है।

फोटोग्राफी: हर पल को देखने का नया नजरिया सिखाएं

बच्चों की नजर में दुनिया को देखने का एक अलग ही नजरिया होता है। फोटोग्राफी उन्हें सिखाता है कि कैसे एक पल को कैद किया जाए और उसमें ब्यूटी ढूंढी जाए। आप बच्चों को कोई पुराना कैमरा या स्मार्टफोन देकर उन्हें आस-पास की चीजें क्लिक करने को कह सकते हैं – जैसे फूल, जानवर, खिलौने या परिवार के सदस्य। इससे उनका ऑब्ज़र्वेशन पॉवर और सौंदर्य बोध दोनों विकसित होता है। फोटोग्राफी एक ऐसा स्किल है जो आगे चलकर एक करियर ऑप्शन भी बन सकता है।

अब छुट्टियों में सीखना भी है उतना ही मजेदार जितना खेलना

गर्मी की छुट्टियां सिर्फ टीवी देखने या मोबाइल खेलने के लिए नहीं होतीं। यह बच्चों को कुछ नया सीखाने और उनकी पर्सनैलिटी को संवारने का सबसे अच्छा मौका होती है। आप ऊपर बताए गए किसी भी एक्टिविटी को अपने बच्चे के इंटरेस्ट और उम्र के अनुसार चुन सकते हैं। जब बच्चा इन एक्टिविटीज में हिस्सा लेता है, तो वह मस्ती करते हुए सीखता है – और यही है स्मार्ट पेरेंटिंग का असली मंत्र।

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