बिहार सरकार ने दी राहत: अब शिक्षक ट्रांसफर का आवेदन ई-शिक्षा कोष पोर्टल से वापस ले सकते हैं, जानें कैसे वापस लें आवेदन

By RTM Hindi News

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बिहार में ट्रांसफर प्रक्रिया के दौरान लाखों शिक्षकों ने अपने मनपसंद स्कूल में स्थानांतरण के लिए आवेदन किया था। लेकिन अब हजारों शिक्षक ऐसे हैं जिनका मन बदल गया है और वे अपने वर्तमान स्कूल में ही बने रहना चाहते हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें ट्रांसफर फॉर्म वापस लेने का अवसर मिला है। राज्य सरकार ने शिक्षकों की भावनाओं को समझते हुए एक अहम फैसला लिया है। अब शिक्षक ई-शिक्षा कोष पोर्टल के जरिए अपने ट्रांसफर आवेदन को ऑनलाइन वापस ले सकते हैं। यह कदम न केवल शिक्षकों को राहत देगा, बल्कि अन्य शिक्षकों को भी स्थानांतरण का विकल्प बढ़ाएगा। आइए जानते हैं इस प्रक्रिया की पूरी जानकारी – कैसे और कब आप अपना आवेदन वापस ले सकते हैं।

जिनका मन बदला, उनके लिए है ये मौका

बदलती परिस्थितियों में कई शिक्षक अब ट्रांसफर नहीं चाहते हैं। ऐसे शिक्षकों के लिए यह सुविधा बेहद जरूरी थी। सरकार ने शिक्षकों की भावनाओं का सम्मान करते हुए उन्हें ऑनलाइन आवेदन वापस लेने की आज़ादी दी है। इससे वे उसी स्कूल में रह सकेंगे, जहाँ वे सहज और संतुष्ट महसूस करते हैं।

ई-शिक्षा कोष पोर्टल से फॉर्म कैसे लें वापस

ट्रांसफर आवेदन वापस लेने के लिए शिक्षक को ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर जाना होगा। वहां अपनी लॉगिन ID और पासवर्ड डालकर अकाउंट में लॉगिन करें। फिर “आवेदन वापसी” सेक्शन में जाकर ट्रांसफर फॉर्म को वापस लिया जा सकता है। यह प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल है और कुछ ही मिनटों में पूरी हो जाती है।

15 से 20 जून तक महत्वपूर्ण गतिविधियाँ

15 जून तक स्कूल आवंटन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी और 20 जून तक शिक्षकों को ट्रांसफर लैटर भेजे जाएंगे। ऐसे में अगर आप ट्रांसफर नहीं चाहते हैं, तो जल्द से जल्द पोर्टल पर जाकर अपना फॉर्म कैंसिल करें। 23 से 30 जून तक ज्वाइनिंग की अंतिम तारीख तय की गई है।

अन्य शिक्षकों को मिलेगा फायदा

जो शिक्षक अब ट्रांसफर नहीं लेना चाहते, उनके द्वारा फॉर्म वापस लेने से अन्य इच्छुक शिक्षकों के लिए जगहें खाली होंगी। इससे ज्यादा से ज्यादा योग्य शिक्षकों को उनकी पसंद का स्थान मिल सकेगा। यह एक सामूहिक लाभ देने वाली व्यवस्था साबित हो रही है।

सरकार ने दिखाया मानवीय दृष्टिकोण

शिक्षकों की भावनाओं को समझते हुए यह निर्णय लिया गया है। इससे यह साबित होता है कि सरकार नीतियों के साथ-साथ संवेदनशीलता भी रखती है। कई शिक्षक जिन्होंने जल्दबाजी में फॉर्म भरा था, अब चैन की सांस ले पा रहे हैं।

अधिक जानकारी के लिए आप बिहार शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर जा सकते हैं।

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