सालभर टमाटर की खेती कर कमाएं लाखों, IARI की इस नई तकनीक ने मचाई धूम

By RTM Hindi News

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अब टमाटर की खेती साल में केवल 3-4 महीने तक सीमित नहीं रही। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), पूसा द्वारा विकसित एक नई पॉलीहाउस तकनीक की मदद से किसान अब पूरे साल टमाटर उगा सकते हैं और लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं। इस तकनीक से ना केवल पौधों की उम्र बढ़ती है, बल्कि मौसम की मार से भी फसल सुरक्षित रहती है। यदि आप खेती को एक फायदे के व्यवसाय में बदलना चाहते हैं तो यह इनोवेटिव तरीका आपके लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। आइए जानें इस तकनीक के लाभ, किस्में, सावधानियां और कीट नियंत्रण के प्रभावी तरीके।

IARI की पॉलीहाउस तकनीक से सालभर खेती का कमाल

IARI की संरक्षित खेती तकनीक यानी पॉलीहाउस फार्मिंग में पौधे नियंत्रित वातावरण में उगाए जाते हैं। इससे न तो बारिश का असर होता है, न ही गर्मी या ठंड से नुकसान होता है। इससे पौधों की लाइफ 10–11 महीने तक हो जाती है और एक ही पौधे से कई बार तुड़ाई की जा सकती है।

🍅 पूसा की ये टमाटर वैरायटीज़ मचाएंगी मार्केट में धूम

अच्छी उपज के लिए टमाटर की हाई यील्ड वैरायटी चुनना जरूरी है। IARI की कुछ बेहतरीन किस्में हैं –
पूसा रक्षित, पूसा टमाटर संरक्षित-1, पूसा चेरी 1, और पूसा गोल्डन चेरी-2
इन किस्मों से रोग का खतरा कम रहता है और टमाटर का आकार व स्वाद भी बेहतर होता है।

🐞 इन खतरनाक कीटों से बचाएं अपनी मेहनत की फसल

गर्मी में सफेद मक्खी, रेड माइट और स्पाइडर माइट जैसी समस्याएं आम हैं।
इसके लिए अपनाएं ये उपाय:

  • येलो स्टिकी ट्रैप का इस्तेमाल करें।
  • नीम तेल का हल्का स्प्रे करें।
  • सफेद मक्खी से बचाव के लिए 1ml इमीडाक्लोप्रिड को 14 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
  • रेड माइट के लिए ओमाइट या ओबेरॉन दवा उपयोग करें।

खर्च वही, लेकिन मुनाफा कई गुना ज्यादा

खुली खेत वाली खेती में जहां पौधा सिर्फ 3-4 महीने चलता है, वहीं पॉलीहाउस तकनीक से 11 महीने तक फल मिलता है।
इसका मतलब है एक बार की लागत में सालभर मुनाफा।
अगर आप बेमौसम टमाटर मार्केट में बेचते हैं तो आपको प्रीमियम रेट भी मिलते हैं।

Related: खेती को फायदे का सौदा बनाएं – जानें IARI की अन्य स्मार्ट टेक्नोलॉजीज़

अब समय आ गया है कि आप भी खेती में तकनीक का साथ लें और परंपरागत तरीकों से आगे बढ़ें। IARI की इस टेक्नोलॉजी के साथ अब खेती सिर्फ गुज़ारा नहीं, बल्कि प्रॉफिट वाला बिजनेस बन चुकी है।

अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे अपने किसान साथियों के साथ जरूर शेयर करें।

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